कान्हा धीरे धीरे मुरली बजा दे रसिया.....
मैंने मुरली की तान जब बागों में सुनी , छोड़ फूल पत्ते दौड़ी दौड़ी आई रसिया कान्हा धीरे धीरे मुरली बजा दे रसिया....
मैंने मुरली की तान जब तालों में सुनी , छोड़ साड़ी चुनरी दौड़ी दौड़ी आई रसिया कान्हा धीरे धीरे मुरली बजा दे रसिया.....
मैंने मुरली की तान जब कुयनों में सुनी , छोड़ गगरी रस्सी दौड़ी दौड़ी आई रसिया कान्हा धीरे धीरे मुरली बजा दे रसिया.....
मैंने मुरली की तान जब महलों में सुनी छोड़ चौका चूल्हा दौड़ी दौड़ी आई रसिया कान्हा धीरे धीरे मुरली बजा दे रसिया....
मैंने मुरली की तान जब मंदिर में सुनी , छोड़ पूजा पाठ दौड़ी दौड़ी आई रसिया कान्हा धीरे धीरे मुरली बजा दे रसिया.....
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