मैया तेरी चुनरी जब जब लहराती है भक्तों को दीवाना क नाच नाचती है.....
तारों जड़ी चुनरी मां चम चम चम चमके है इसकी बूटी बूटी मे हीरा दम के हैं तू ओढ़ दिखा दे मां क्यों इतना तरसती है....
तुम ही बनाती हो तुम ही मिटाती हो आए कोई तूफान तो सिंह चढ़के जाती हो आंचल में छुपाके तुम गोदी में सुलाती हो मैया तेरी चुनरी जब जब लहराती है.....
पैरों में कांटे मां बड़ी गहरी खाई है मैं कैसे बताऊं मां बड़ी विपदा आई है बिन कुछ बोले ही मां आंसू पोंछ जाती है मैया तेरी चुनरी जब जब लहराती है.....
No comments:
Post a Comment