कृष्ण गोविन्द गोपाल गाते चलो मन को विषयों के विष से हटाते चलो....
देखना इंद्रियों के न घोड़े बढ़ें , इनपे हरदम ही संयम के कोड़े पड़ें , अपने रथ को सुमार्ग लगाते चलो....
दुख में तड़पो नहीं सुख में फूलो नहीं , प्राण जाएं मगर नाम भूलो नहीं , नाम धन का खजाना लुटाते रहो कृष्ण गोविंद गोपाल गाते चलो....
नाम जपते रहो काम करते रहो , पाप की वासनाओं से बचते रहो , प्रेम भक्ति के आंसू बहाते रहो कृष्ण गोविंद गोपाल गाते चलो....
याद आएगा उनको कभी ना कभी , हम भी पाएंगे प्रभु को कभी ना कभी ,ऐसा विश्वास मन में जागते चलो कृष्ण गोविंद गोपाल गाते चलो...
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