आपने अपना बनाया मेहरबानी आपकी.....
मैं भटकता फिर रहा था इस दुखी संसार में , अपने रास्ता दिखाया मेहरबानी आपकी.....
कांटो वाली झाड़ियां से उलझी थी मेरी जिंदगी , अपने दामन छुड़ाया मेहरबानी आपकी..….
आंसुओं में बीत रही थी अब तलक ये जिंदगी , अपने हंसना सिखाया मेहरबानी आपकी....
जिसको भी अपना बनाया वो निकला है बेवफा , आपने पीछा छुड़ाया मेहरबानी आपकी ...
आंधियों में बुझ गया था मेरे हृदय का दिया , आपने फिर से जलाया मेहरबानी आपकी....
जिसपे मैंने भरोसा किया वो धोखा हमें दे रहा , आपने मुझको बचाया मेहरबानी आपकी....
गहरी नैना नाव पुरानी डगमग गोते खा रही , आपने मुझे पार लगाया मेहरबानी आपकी....
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