तेरी उतारूं नजरिया पहाड़ों वाली मैया.....
शीश पे मैया तेरे मुकुट विराजे माथे पे लाल लाल बिंदिया साजे हीरा जड़ी पहने नथुनिया पहाड़ों वाली मैया तेरी उतारूं नजरिया जोता वाली मैया....
सज धज के मैया बैठीं भवन में कोयल कूके मां के आंगन में शेर खड़ा है दुवरिया पहाड़ों वाली मैया तेरी उतारूं नजरिया शेरावाली मैया.....
हाथों में कंगन खन खन खनकें पांव में पायल छन छन छनके ओढ़े हैं लाल चुनरिया पहाड़ों वाली मैया....
भवन में मां के ढोलक बाजे झांझ मंजीरा तबला बाजे नाच दिखाएं जोगनिया पहाड़ों वाली मैया तेरी उतारूं नजरिया पहाड़ों वाली मैया.....
No comments:
Post a Comment