गोविंद चले आओ गोपाल चले आओ,गोविंद चले आओ गोपाल चले आओ, मेरे मुरलीधर माधव नंदलाल चले आओ गोविंद चले आओ गोपाल चले आओ......
आँखों में बसे हो तुम धड़कन में धड़कते हो, कुछ ऐसा करो मोहन साँसों में समां जाओ गोविंद चले आओ गोपाल चले आओ......
तेरे दर्शन को मोहन मेरे नैना तरसते हैं , है अर्ज मेरी मोहन अब और ना तरसाओ गोविंद चले आओ गोपाल चले आओ.....
इक शर्त जमाने से प्रभु हमने लगा ली है, या हमको बुला लो तुम या खुद ही चले आओ गोविंद चले आओ गोपाल चले आओ.....
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