पनघट से दौड़ी चली आउंगी कान्हा मुरली बजा दो , मुरली बजा दो कान्हा मुरली बजा दो मधुबन में रास रचाऊंगी कान्हा मुरली बजा दो.....
श्याम सुंदर से लागे नैना उनके बिना हमें चैन पड़े न तुम संग प्रीत लगाऊंगी कान्हा मुरली बजा दो....
नंदलाला की सांवली सूरत चंचल चितवन मोहनी मूरत माखन मिश्री खिलाऊंगी कहना मुरली बजा दो.....
श्याम ने मुरली मधुर बजाई तन मन की मैंने सुध बिसराई समझे न पीर पराई हो कान्हा मुरली बजा दो.....
श्याम पिया का मिले जो दर्शन भक्तों ने जीवन किया अर्पण मन मंदिर में बसाऊंगी कान्हा मुरली बजा दो....
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