हनुमान मटकिया ले आओ मैं जल भरने को जाऊंगी.....
तुम जल भरने को जाओगी वहां दशरथ जी का पहरा है वह लगता ससुर हमारे हैं मैं जल भरने को जाऊंगी हनुमान मटकिया ले आओ में जल भरने को जाऊंगी.....
तुम जल भरने को जाओगी वहां लक्ष्मण जी का पहरा है वह लगते देवर हमारे हैं मैं जल भरने को जाऊंगी हनुमान मटकिया ले आओ मैं जल भरने को जाऊंगी....
तुम जल भरने को जाओगी वहां रामचंद्र का पहरा है वह लगते पति हमारे हैं मैं जल भरने को जाऊंगी हनुमान मटकिया ले आओ में जल भरने को जाऊंगी.....
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