जनकपुर ये तुम्हें रघुवर मुबारक हो मुबारक हो घड़ी सेहरे की ये रघुवर मुबारक हो
मुबारक हो ब्याहन राम आये हैं अयोध्या से जनकपुर में , सिया ऐसी तुम्हें दुल्हन मुबारक हो
मुबारक हो जनकपुर में खुशी छाई करें समधौर दशरथ से , जनक दशरथ से ये समधी मुबारक हो
मुबारक हो बलैयां लेने को आईं बड़ी साली छोटी साली , तुम्हें मिलकर खुशी सबको मुबारक हो
मुबारक हो हजारों वर्ष के अरमान नेग के आज ही निकले बराती को नेग मिलना मुबारक हो मुबारक हो
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