राम सिया के मधुर मिलन से फुलवारी मुस्काए कोयलिया कुकू गाए कोयलिया गीत सुनाए....
तोड़ रहे थे फूल राम जी गिरजा पूजन आईं जानकी , पायल की झंकार से उनके रोम रोम हरषाए कोयलिया कुकू गाए कोयलिया गीत सुनाए राम सिया के मधुर मिलन से....
सिया मुख चंदा उगा सामने भुला दिया सब शान राम ने, नयन वयन सबने गति छोड़ी मन बिना मोल बिकाए कोयलिया कुकू गाए कोयलिया गीत सुनाए राम सिया के मधुर मिलन से...
देवता गण भी सब हरषाते गगन मंडल से फूल बरसाते , देख के ऐसी अनूप छटा सखी सुध बुध सब बिसराते कोयलिया कुकू गाए कोयलिया गीत सुनाए....
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