श्री रामचंद्र धनुर्धारी हम आए शरण तुम्हारी....
एजी चित्रकूट अति पावन है वह तो कोटिन कोर् नसावन है मंदाकिनी गंगा न्यारी हम आए शरण तुम्हारी श्री रामचंद्र धनुर्धारी.....
परिक्रमा पांच कोस का है सुख शांति और शीतलता है जहां लक्ष्मण टेकी न्यारी हम आए शरण तुम्हारी श्री रामचंद्र धनुर्धारी....
एजी पर्वत पर हनुमान लला जलधारा की है अजब कला जहां सीता रसोइया न्यारी हम आए शरण तुम्हारी श्री रामचंद्र धनुर्धारी...
अनसूया आश्रम अजब बनो और जानकी कुंड में घाट बनो जहां फटक शिला है न्यारी हम आए शरण तुम्हारी श्री रामचंद्र धनुर्धारी....
गुप्त गोदावरी का क्या कहना एक सुखी एक में जल है भरा सिंगर करो सिया प्यारी हम आए शरण तुम्हारी श्री रामचंद्र धनुर्धारी...
एजी रामघाट विश्राम घाट और गौ घाट पर कटते हैं पाप जहां जल पीवे नर नारी हम आए शरण तुम्हारी रामचंद्र धनुर्धारी....
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