कन्हैया आप आ जाओ मेरा मन याद करता है , मेरा मन याद करता है नैयन से नीर बहता है सांवरिया आप आ जाओ मेरा मन याद करता है....
मैं अंधी हूं मैं निर्बल हूं नहीं कोई सहारा है उजाला बनके आ जाओ मेरा मन याद करता है......
पड़ी मझधार में नैया किनारा कोई नहीं मेरा खिवैया आप आ जाओ मेरा मन याद करता है सांवरिया आप आ जाओ....
ये जमुना जी की लहरें हैं कंदब की ठंडी छाया है दर्श एक बार दे जाओ मेरा मन याद करता है....
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