गर्दन में डाले है मुंडों के हार चली आ रही है सिंह पे सवार बड़ी शान वाली है मां कालका तू ही अंबे काली है मां कालका.....
वह है काली ऐसी माया उसकी जहां से शान निराली , माता तेरे दर से खाली जाए ना कोई सवाली , असुरों को मारा है वह ही खप्पर वाली है मां कालका बड़ी शान वाली है मां कालका....
जय हो दुर्गे माता तुमको कहते हैं माता भवानी , सांचा है द्वारा जग में उनका नहीं कोई सानी , जग से वह न्यारी है वह कलकत्ते वाली है मां कालका बड़ी शान वाली है मां कालका...
आपने जहां में शान दुष्टों की हरदम घटाई , अपने सभा में लाज भक्तों की हरदम बचाई देवी ने गर्दन में मुंड माला डाली है मां कालका बड़ी शान वाली है मां कालका....
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