भजन हो तो ऐसा कीर्तन में धूम मचा दी🌹मधुर मधुर बंशी क्यों बजाई रे बिना सुनें नहीं रह पाओगे🌹

 

 

खूब बजाई रे बंसी खूब बजाई रे मधुर मधुर बंसी खूब बजाई रे.... 

पहली बंसी जेल में बजाई ,जेल में बजाई वासुदेव को सुनाई खूब तोड़ा रे कान्हा खूब तोड़ा री जेल का ताला खूब तोड़ा रे.... 

दूजी बंसी गोकुल में बजाई ,गोकुल में बजाई नंदबाबा को सुनाई खूब झूला रे कान्हा खूब झूला रे यशोदा के पालने में खूब झूला रे... 

तीसरी बंसी पनघट पे बजाई , पनघट पे बजाई सखियों को सुनाई खूब फोड़ी रे कान्हा खूब फोड़ी रे गुजरी की मटकिया खूब फोड़ी रे... 

चौथी बंसी जमुना पे बजाई, जमुना पे बजाई नागों को सुनाई खूब नाचे रे कान्हा खूब नाचे रे नागों के फन पर खूब नाचे रे... 

पांचवी बंसी मधुबन में बजाई, मधुबन में बजाई कान्हा राधा को सुनाई खूब रचाया रे खूब रचाया रे मधुबन में रास खूब रचाया रे.... 




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