एक रात में दो दो जन्म हुए एक गोकुल में एक मथुरा में....
मथुरा में हरि ने जन्म लिया गोकुल में हरि की माया ने ,माया और मायापति आए एक गोकुल में एक मथुरा में....
भादों की रैन अंधेरी थी रोहिणी अष्टमी शुभ दिन था ,अवतार लिया मथुरा में हरि एक गोकुल में एक मथुरा में....
वसुदेव देवकी जाग उठे एक तेज पुंज सा प्रकट हुआ पहरेदार सोए गए सारे एक गोकुल में एक मथुरा में...
मुझे ले चलो नंद यशोदा के घर उसे सौंप दो लाके कंस के घर , मेरा काम यहां उसका काम वहां एक गोकुल में एक मथुरा में...
बालक होकर हरि बोल उठे वसुदेव देवकी फंद से छूटे , वासुदेव चले गोकुल को वहां एक गोकुल में एक मथुरा में...
गोकुल में माया प्रकट हुई बेसुध होकर जननी सोई , ताले बंद खुले मथुरा के यहां एक गोकुल में एक मथुरा में...
वासुदेव गए गोकुल में वहां मंदिर हैं खुले नंद के द्वारे , माया को उठा श्री कृष्ण सुला एक गोकुल में एक मथुरा में...
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