सांवली सूरत तेरी तिरछी रे नजरिया मन में बसी तेरी छवि मन में बसी तेरी छवि मेरे गिरधारी गिरधारी सांवली सूरत तेरी तिरछी रे नजरिया....
ऐसी अलबेली ऐसी प्यारी छवि अलबेली श्याम की, श्याम के रंग में रंग दी है काया लगन लगी तेरे नाम की, राह पकड़ ली हमने कन्हैया अब तो तेरे धाम की, अब नहीं छूटे तेरे दर की डगरिया अब नहीं छूटे तेरे दर की डगरिया मन में बसी तेरी छवि मेरे गिरधारी गिरधारी सांवली सूरत तेरी तिरछी रे नजरिया.....
सूरदास के छोटे ललना मीरा के भरतार हो, राधा के हो प्रेमी प्रीतम संतो के तारणहार हो, अर्जुन के तुम बने सारथी अर्जुन की तुम बने सारथी भक्तों के दातार हो, जैसे भाव वैसे देखे रे सांवरिया देवी देवता नर और नारी जाएं बलिहारी बलिहारी सांवली सूरत तेरी तिरछी रे नजरिया.....
गोपी गवाल संग धेनु चरावे माखन चोर गोपाल रे, कुंज गली में रास रचाये नटखट श्री नंदलाल रे , चीर चुराये रे मटकी गिराये बैठे कदम की डाल रे, लीला तेरी देख के मन रे बांवरिया मन में बसी तेरी छवि मेरे गिरधारी गिरधारी सांवली सूरत तेरी तिरछी रे नजरिया.....
नाता हमारा जन्मो पुराना तू रहना मेरे साथ मे,चाहे दुनिया हाथ छोड़ दे तू न छोड़ना मेरा हाथ रे , पार भंवर से नाव लगा दे जगदीश्वर भगवान रे ,चरणों मे तेरे मेरी बीती रे उमरिया देवी देवता नर और नारी जाएं बलिहारी बलिहारी सांवली सूरत तेरी तिरछी नजरिया....
No comments:
Post a Comment