शिव भजन बिल्कुल नया🌿मन ये बोले शंकर भोले मेरी बिगड़ी बना दो आज तुम तो हो नाथों के नाथ सुनें🌿

 

 

मन ये बोले शंकर भोले मेरी बिगड़ी बना दो आज तुम तो हो नाथों के नाथ... 

ऊंचे पर्वत तेरा डेरा कैसे चढ़कर आऊं मैं बाबा कैसे चढ़कर आऊं, दर्शन को ये नैना तरसें मन ही मन अकुलाऊं मैं बाबा मन ही मन अकुलाऊं , तन बेबस है मन चंचल है तुम थाम लो मेरा हाथ तुम तो हो नाथों के नाथ.... 

सागर मंथन जब था कराया उठी थी हलचल जग घबड़ाया , निकला हलाहल जो विष उसमें सब देवों को विकल कराया , तब रूप लिया नीलकंठ का तूने किया है विष का पान तुम तो हो नाथों के नाथ... 

राम की भक्ति राम की शक्ति तूने सती को सुनाई , ओ शिव तूने राम नाम से मुक्ति जग को बताई , कलयुग में भी बैठे हो तुम ले बजरंगी अवतार तुम तो हो नाथों के नाथ... 




Share:

No comments:

Post a Comment