हरिद्वार में मनसा झूला झूल रहीं जी....
शीश मैया के टीका सोहे रहा जी एजी कोई बिंदिया पे हमबे कोई बिंदिया पे छाई है बहार हरिद्वार में मनसा झूला झूल रहीं जी...
कान मैया के कुंडल सोहे रहे जी गले मैया के हरवा सोहे रहा जी एजी कोई नथनी पे हमबे कोई माला पे छाई है बहार हरिद्वार में मनसा झूला झूल रहीं जी...
हाथ मैया के चूड़ा सोहे रहा जी कमर मैया के तगड़ी सोहे रही जी ऐजी कोई मेहंदी पे हमबे कोई चूड़ी पे छाई है बहार हरिद्वार में मनसा झूला झूल रहीं जी
पैर मैया के पायल सोहे रही जी कमर मैया के लहंगा सोहे रहा जी एजी कोई चुनरी पे हमबे कोई चुनरी पे छाई है बहार हरिद्वार में.....
भोग मैया के हलुवा पूड़ी सोहे रहा जी ऐजी कोई नारियल पे हमबे कोई मेवा पे छाई है बाहर हरिद्वार में....
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