सावन भजन दिल छू लेगा🌿भोले के हाथों में है सारे जग की डोर मन नहीं भरेगा बार बार सुनने से भी🌿

 

 

भोले के हाथों में है सारे जग की डोर किसी को खींचे धीरे और किसी को खींचे जोर... 

मर्जी है इसकी हमको जैसे नचाए जितनी जरूरी उतना जोर लगाए ये चाहें जितनी खींचे सब काहे मचाए शोर किसी को खींचे धीरे और किसी को खींचे जोर... 

भोले तुम्हारे जबसे हम हो गए हैं गम जिंदगी के सबसे कम हो गए हैं बंधकर इस डोरी से हम नाचे जैसे मोर किसी को खींचे धीरे और किसी को खींचे जोर.... 

खींच के डोरी को जो संभाला न होता हमको मुसीबत से निकाला न होता यह चाहे तो न खींचे हम खिंचते इसकी ओर किसी को खींचे धीरे और किसी को खींचे जोर.... 

शंकर जी कैसे टूटे भक्तों से नाता डोर नहीं है ये है प्रेम का धागा रखना सदा भरोसा यह डोर न हो कमजोर किसी को खींचे धीरे और किसी को खींचे जोर..... 




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