जिसने प्रेम का प्याला पी लेना उन्हें विषय विकारों विच क्या लेना....
जो सत्संग के बीच में आते हैं मुंह मंगिया मुरादा पाते हैं उन्हें तेरी मेरी करके क्या लेना जिसने प्रेम का प्याला....
जिनके अंदर ज्योति जलती है उन्हें बाहर जलाकर की लेना जिसने प्रेम का प्याला.....
जो अपने गुरु को मनाते हैं उन्हें जग को मना कर की लेना इसमें प्रेम का प्याला....
जिन्हें रंग भक्ति का चढ़या है उन्हें दुनिया के रंग से क्या लेना जिसने प्रेम का प्याला.....
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