राजाराम तेरी नगरी में कोई ना सुखी...
एक गंगा सुखी एक जमुना सुखी जब पाप बड़े तो दोनों दुखी भगवान तेरी नगरी में कोई ना सुखी...
एक चंदा सुखी एक सूरज सुखी जब ग्रहण लगे तो दोनों दुखी...
एक माता सुखी एक पिता सुखी जब पूत कपूत तो दोनों दुखी...
एक राजा सुखी एक रानी सुखी जब वंश ना चले तो दोनों दुखी...
इक राम सुखी एक लक्ष्मण सुखी जब वन को गए तो दोनों दुखी
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