भोले का मन गौरा ले गई रे...
गौरा लगाएं लाल लाल बिंदिया , बिंदिया ले गई भोले की निंदिया तीर चला बिंदिया का ऐसा घायल कर गई रे भोले का मन...
गौरा पहने लाल लाल झुमका गौरा लगाएं पर्वत पे ठुमका तीर चला ठुमके का ऐसा घायल कर गई रे भोले का मन...
गौरा के हाथों में सज गया कंगना आ गई गौरा भोले के अंगना तीर चला कंगने का ऐसा घायल कर गई रे भोले का मन...
गौरा के अंगों में सज गया लहंगा लहंगा लागे बड़ा ही महंगा तीर चला चुनरी का ऐसा घायल कर गई रे भोले का मन...
गौरा के पैरों में प्यारी-प्यारी पायल पायल कर गई भोले को घायल तीर चला पायल का ऐसा दुल्हन बन गई रे भोले का मन...
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