मैया री मैं तो वृंदावन चली जाऊंगी पर भजन श्याम के गाऊंगी...
न भावे मोहे महल दोमहले न चाहिए मुझे शाल दुशाले मैया री मैं तो कुटिया में रह लूंगी पर भजन श्याम के गाऊंगी...
यमुना जी से जल भर लाऊं चौकी चंदन की बनवाऊं श्याम को मलमल रोज नहलाऊंगी पर भजन श्याम के गाऊंगी...
प्यारी गौरी सी पालूं एक गैया रोज बनाऊं दूध और दहिया श्याम को माखन भोग लगाऊंगी पर भजन श्याम के गाऊंगी...
पतली पतली बनाऊं फुलकिया फिर मैं बुलाऊं सारी सखियां मैया री मैं तो पंखा झोल घुमाऊंगी पर भजन श्याम का गाउंगी...
चुनचुन फूल कमल के लाऊं फिर कान्हा की सेज लगाऊं मैया री मैं तो धीरे धीरे चरण दबाऊंगी पर भजन श्याम के गाऊंगी...
घिस घिस चंदन तिलक लगाऊं मन में श्याम की सूरत बसाऊं मैया री मैं तो भवसागर तर जाऊंगी पर भजन श्याम के गाऊंगी
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