आंखें कजरे की धार गले मोतियों के हार तेरा ऐसा रूप सिंगार मां तुम कितनी सुंदर हो तुम कितनी सुंदर हो...
तेरे चारों तरफ नजारे तेरे दुश्मन तुझ से हारे , तूने चण्ड मुण्ड संहारे और शंभू निशुंभ बिडारे , तूने महिषासुर दिया मार मां तेरी शक्ति अपार तेरी हो रही जय जयकार मां तुम कितनी सुंदर हो तुम कितनी सुंदर हो...
तेरी दमदम बिंदिया दमके तेरी मांग सिंदूरी चमके , हाथों में कंगना खनके पैरों में पायल छनके , तेरे यह सोलह सिंगार मां तेरा रूप अपार ,
तेरा लगा हुआ दरबार मां तुम कितनी सुंदर हो तुम कितनी सुंदर हो जैसा सिंगार है तेरा मां वैसा ही रखना मेरा , हो जब तक मेरा जीवन रहे जीवन साथी मेरा ,
मां तेरी दया अपार तेरे भरे हुए भंडार तेरी हो रही जय जयकार मां तुम कितनी सुंदर हो तुम कितनी सुंदर हो...
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