मुझे आता नहीं है मनाना मेरी मैया नहीं रूठ जाना..
कोई राज पाठ न मांगू कोई बड़े ठाट न मांगू अपने चरणों में दे दो ठिकाना मेरी मैया नहीं रूठ जाना...
मैं बना न सकूं तेरा मंदिर मैया बस जा मेरे मन के अंदर मेरे हृदय में कर लो ठिकाना मेरी मैया रुक नहीं रूठ जाना...
मैया सुन ले अरज एक मेरी मैं तो करूंगी नौकरी तेरी चाहे दुनिया ये मारे ताना मेरी मैया नहीं रूठ जाना..
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