तेरे दर पे बता शेरावाली क्या मैं आने के काबिल नहीं हूं
तेरा प्रसाद हलवे चने का क्या मैं खाने के काबिल नहीं हूं...
सबके मंजूर सपने किए हैं और फल भी मुंह मांगे दिए हैं तो क्या चरणों में तेरे भवानी झोली फैलाने के काबिल नहीं है...
सारे जग ने मुझे मां बिसारा तेरा आके लिया है सहारा तेरे चरणों में बहती है गंगा क्या नहाने के काबिल नहीं हूं...
सबको धन धान्य तुमने दिया है काम भक्तों के पूरे किया है प्रेम से फूल लेकर मैं आया क्या मैं चढ़ाने के काबिल नहीं हूं...
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