मेरे अंगना में आओ गणराज बिराजो आकर हरे हरे विराजो आकर गौरी नंदन
सबसे पहले गंगाजल से चरण तुम्हारे धोऊं रोली चंदन तिलक लगाके मुकुट तुम्हें पहनाऊं कानों में कुंडल पहना के गले में
फूलों का हार विराजो आके हरे हरे बिराजो आके गौरी नंदन अपने हाथों से मैं तुमको पीतांबर पहनाऊं छप्पन भोग बनाकर
गणपति हाथों से थाल सजाऊं चंदन की चौकी में बिठाके रुचि रुचि तुम्हें जीमाऊं विराजो आकर हरे हरे रिद्धि-सिद्धि के
सांवरिया पूर्ण करना काज सफल मनोरथ होयें हमारे रखियो मेरी लाज हरदम सेवा करूं तुम्हारी यही हमारी है आस विराजो आके हरे हरे
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