हरि जी मैं तुलसा सींचन जाऊं प्रभु जी मैं तुलसा सींचन जाऊं...
प्रातः उठूं और नहाऊं धोऊं गंगा जल भर लाऊं हरि जी मैं तुलसा सींचन जाऊं...
स्नान कराऊं तुलसा मां को हरि के चरण धुलाऊं हरि जी मैं...
चैत्र मास नवमी तिथि पावन अंगना तुलसा लगाऊं हरि जी..
देवशयनी एकादशी आई तुलसी मां को सजाऊं हरी जी...
तुलसी मंदिर बना है अंगना शालिग्राम बैठाऊं हरि जी...
सोने का गढ़ुवा गंगाजल पानी नित्य स्नान कराऊं हरि जी..
अक्षत कुमकुम रोली केसर तुलसा को तिलक लगाऊ़ हरि जी...
चूड़ी बिंदिया गजरा टीका लाल लाल चुनरी ओढ़ाऊ हरि जी...
अगर कपूर की बाती लेकर जगमग ज्योत जलाऊं हरि जी...
धूप दीप नैवेद्य आरती तुलसा की महिमा गाऊं हरि जी...
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