द्रोपदी रोती है आंगन प्यारे नंद के लालन मेरी लाज बचाने आजा यशोदा के दुलारे आजा...
पति खेले जुएं में हार गए इसलिए भीम लाचार हुए कर्मों का कौन है साथी धोखे से चली है बाजी द्रोपदी....
दुशासन बड़ा दुराचारी वो तो खींचत तन से साड़ी मेरी लाज बचाओ बनवारी तेरी बहना खड़ी है उघारी द्रोपदी...
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