सोने के रथ पे सवार भवानी आई हैं भक्तों कर लो मैया के दीदार भवानी आई हैं
मैया के सिर पे मुकुट विराजे गले है रत्नों का हार भवानी आई हैं
आगे आगे बजरंगी पीछे भैरव बाबा मैया की हो रही जय जयकार भवानी आई हैं
भक्तों की झोली मुरादों से भरतीं देती सबको खुशियां अपार भवानी आई हैं
चरणों में हम शीश झुकाएं मां विनती करो स्वीकार भवानी आई हैं
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