बल्ले बल्ले पहाड़ों में कमाल हो गया सावा सावा पहाड़ों में कमाल हो गया जली गुफा गुफा में है ज्योति नूरानी पहाड़ों में कमाल हो गया...
त्रिलोकी की रानी ने है ऐसी कला रचाई त्रिकूट पर्वत के ऊपर सुंदर गुफा सजाई बल्ले बल्ले के सोना है द्वार माई दा जहां मिलती सबको मुरादें माई दा बल्ले बल्ले पहाड़ों में....
बैठी खोल भंडारे देखो अन्नपूर्णा माता एक बार जो दर पर आता खाली वो न जाता बल्ले बल्ले ढोल नगाड़े बजते जो भी आए मैया जी के द्वारे नगाड़े बजते बल्ले बल्ले पहाड़ों में...
झूम झूम के नाच रहे सब मैया के दीवाने किसको क्या है देना ये तो मां अंबे ही जाने बल्ले-बल्ले मां शेर की सवारी आ गई सारे जग को रचाने वाली मां शेर की सवारी आ गई बल्ले बल्ले पहाड़ों में कमाल हो गया
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