महादेव तो भोले वाले हैं देवों में देव निराले हैं
सागर मंथन से विष निकला महादेव ने वो विषपान किया , पड़ गया कंठ नीला उनका वो नीलकंठ कहलाते हैं
मां पार्वती की इच्छा से सोने की लंका शिव ने गढ़ी , रावण को लंका दान करी खुद पर्वत रहने वाले हैं
भस्मासुर ने शिव ध्यान किया भोले ने उसे वरदान दिया , पल भर में खुश हो जाते हैं इसलिए वो सबसे निराले हैं
शिवलिंग का जो अभिषेक करें और बेलपत्र अर्पण कर दे , खुशियों से उसकी झोली को शिव शंकर भरने वाले हैं
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