जब देखा तुझे मुरली वाले ,दिल हमारा तो बस में नहीं है
अपने जलवे की मत पूछो हमसे ,जलवा कोई भी कम तो नहीं है
रूप सजते हो तुम नित नवेले ,रूप तेरा दीवाना बनाये , जो सजाता हैं
तुमको कन्हैया ,वो भी आशिक तेरा कम नहीं हैं...
कहीं मणियों की बेणी बनी है ,कभी कलियाँ सुहानी सजी हैं
लट मस्ती में श्री मुख को चूमे ,उसकी किस्मत सी किस्मत नहीं है..
देख चितवन तेरी शोख आखें ,बिन पिये ही नशा चढ़ गया है
दिल को कैसे संभालूं कन्हैया भक्त बहकें तो कुछ गम नहीं है जब से देखा...
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