चंदा छुप जा रे बादल में म्हारो राम गयो बनवास
राम बिना है सूनी अयोध्या दशरथ बिना चतुराई , सीता बिना है सूनी रसोई कौन करे चतुराई चंदा छुप जा रे बादल में.
आगे आगे राम चलत हैं पीछे लक्ष्मण भाई , बीच बीच में चलत जानकी शोभा बरन न जाई चंदा छुप जा रे बादल में..
सावन बरसे भादो बरसे पवन चले पुरवाई , बृक्ष के नीचे तीनों भींगे राम लखन सिया माई चंदा छुप जा रे बादल में.
रावण मार राम घर आए घर घर बंटे बधाई , मात कौशिलया करें आरती तुलसी दास जस गाई चंदा छुप जा रे बादल में...
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