भजन हो तो ऐसा जो बार बार सुनने से भी मन न भरे🌹हाथ पकड़ मेरो घुंघटा खोले गलियो में🌹

 

 

कान्हा बढ़ो हरजाई रे मोहे मारे नजरिया 

जब मैं जाऊं दही बेचन को , कंकड़िया मार गिराए रे मोहे मारे नजरिया 

जब जमुना जल भरन को जाऊं मटकी फोड़ गिराए रे मोहे मारे नजरिया 

हाथ पकड़ मेरो घुंघटा उठावे गलियों में मोहे सताये रे मोहे मारे नजरिया 




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