मेरा श्याम अपने दर पे आंखों से मय पिलाए मोहन जिसे पिलाए उसे होश कैसे आये मेरा श्याम...
पहले पिलाई नांदे को सुद्ध बुध भुला दी उसकी , फिर आप नन्दा बनकर मोहन चरण दबाए मेरा श्याम अपने दर पे आंखों से मय पिलाए मेरा श्याम...
मीरा ने पी थी मस्ती उसकी मिटा दी हस्ती, दीवानी हो गई और बाबरी कहाई मेरा श्याम अपने दर पे आंखों से मय पिलाए मेरा श्याम....
एक था विप्र सुदामा वो यार था पुराना, खाकर के कच्चे चावल प्रभू दोस्ती निभाई मेरा श्याम अपने दर पे आंखों से मय पिलाए मेरा श्याम...
हे दीन बंधू तेरी ये दया नहीं तो क्या है , ठुकराए जिसको दुनियां उसे तू गले लगाये मेरा श्याम अपने दर पे आंखों से मय पिलाए मेरा श्याम अपने दर पर आंखों से मय पिलाई मेरा श्याम...
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