छम छम नाचे रे भवानी मेरी मैया आईं रे छम छम नाचे रे हो हो छम छम नाचे रे..
जब मेरी मैया बागों में आईं रे , बागों में आईं मालिन रूप बनाई रे , अपने भक्तों पे मां ने फूल बरसाए छम छम नाचे रे हो हो छम छम नाचे रे...
जब मेरी मैया तालों पे आईं रे , तालों पे आईं मैया भेष बनाई रे , अपने भक्तों को मैया चुनरी उड़ाईं छम छम नाचे रे...
जब मेरी मैया महलों में आईं रे , चारों तरफ मां ने नजर घुमाई रे , अपने भक्तों की मां ने बिगड़ी बनाई छम छम नाचे रे...
जब मेरी मैया भवन में आईं रे , नव दुर्गे का रूप बनाई रे नव दुर्गे का रूप भक्तों के मन भाए छम छम नाचे रे..
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