तेरी सूरतिया जब से निहारी मैं तो लुट गई रे बांके बिहारी अब तू देखेगी दुनिया ये सारी मैं तो लुट गई रे बांके बिहारी
तेरे नैना हैं रस के रसीले , हैं रसीले और छवीले इन नैनन पे जाऊं बलिहारी मैं तो लुट गई रे बांके बिहारी...
तेरी अधरों की मुस्कनिया प्यारी ,कर गई जादू हे बांके बिहारी मैं तो जाऊंगी तोपे बलिहारी मैं तो लुट गई रे बांके बिहारी..
तेरे मोर पंखा सिर सोहे , तेरी घुंघराली लट मन मोहे तेरी सुरतिया जग में न्यारी मैं तो लुट गई रे बांके बिहारी...
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