मुरलिया बाज रही जमुना के तीरे बांसुरिया बाज रही जमुना के तीरे मुरलिया....
पैरों के जेवर मैंने कानों में पहने , ओढ़ आई उल्टो चीर मुरलिया बाजे रही जमुना के तीरे
गोदी के लालन मैंने सोवत छोड़ें , छोड़ें ननद जी के वीर मुरलिया बाज रही जमुना के तीरे
संग की सहेली मैंने पनघट पे छोड़ीं , छोड़ो गागर भरो नीर मुरलिया बाज रही जमुना के तीरे
सास ननद मैंने घर ही में छोड़ीं तोड़ी कुल की रीत मुरलिया बाज रही जमुना के तीरे
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