छलिया पर दिल क्यों आया है यह मैं जानूं या वो जाने काले पर दिल क्यों आया है..
हर बात जो उसकी निराली है हर बात में है एक टेढ़ापन टेढ़े पर दिल क्यों आया है यह मैं जानूं या वो जाने काले पर दिल क्यों आया..
जब जब दिल ने तुझे याद किया दुनिया ने हमें बदनाम किया बदनामी का फल क्या पाया है यह मैं जानूं या वो जाने काले पर दिल क्यों आया..
मिलता भी है मिलता भी नहीं नजरों से कभी हटता ही नहीं तूने कैसा जादू डाला है या मैं जानू या वो जाने काले पर दिल क्यों आया है..
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