राधा रानी दया कीजिये मेरी श्यामा दया कीजिए मेरी किस्मत बना दीजिए राधा रानी कृपा कीजिये..
पहले भी व्यर्थ हुआ कई बार मेरा जीवन मैं तोड़ नहीं पाया माया का ये बन्धन अबकी बारी बचा लीजिए मेरी श्यामा दया कीजिए...
पलकों के सिंहासन पे मैने तुमको बिठाया है इस मन के अंदर ही बरसाना बनाया है आके इसमें रहा कीजिये मेरी श्यामा दया कीजिए....
हरी दासी तो पगली है जगती है रातों में तुम दिल पर मत लेना पगली की बातों को जो भी मन में हो वो कीजिये मेरी श्यामा कीजिए...
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