नैनन में श्याम समाय गयो मोहे प्रेम का रोग लगाय गयो..
बलिहारी कुंवर तेरी अलकन पे , तेरी बेसर मोती छलकन पे , वो तो सपने में बतलाय गयो मोहे प्रेम का रोग लगाय गयो नैनन...
भक्तों को प्यारो वो नंदलाला , दीवाने भये याके सब ग्वाला , वो तो मधुर मुरलिया बजाय गयो मोहे प्रेम का रोग लगाय गयो नैनन....
No comments:
Post a Comment