डम डम शिवालय में डमरू बजे बैठे जहां शंकर भभूति मलें
भर भर चिलम शिव गांजा पिया भर भर के लोटा शिव भंगिया पिये बल खाये बिषधर जिनके गले बैठे जहां शंकर भभूति मलें
करते हैं भोले बाबा नंदी सवारी तीनो लोक स्वामी त्रिकुंड धारी भोले के भजनों से विपदा टले बैठे जहां शंकर भभूति मलें
शीष पे चंद्रमा करे उजाला तन पे लपेटे हैं मृगा की छाला भक्त सब इनके चरणों पड़े बैठे जहां शंकर भभूति मलें
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