सावन शिवरात्रि नया भजन आखिर गौरा क्या कह रहीं सुनें🌿ठंडी बोतल साथ नहीं क्या गंगा बहाओगे🌿

 

 

शिव तो ठहरे परदेसी साथ क्या निभाओगे चढ़ के अपने नंदी पे पर्वत चले जाओगे 

भोले मुझे भूख लगी क्या तुम खिलाओगे , हलुआ पूड़ी साथ नहीं क्या धतूरा खिलाओगे 

भोले मुझे प्यास लगी क्या पानी पिलाओगे, ठंडी बोतल साथ नहीं क्या गंगा पिलाओगे 

भोले मुझे तलफ लगी क्या तुम रचाओगे , पान वीणा साथ नहीं क्या भंगिया रचाओगे 

भोले मुझे नींद लगी कहां तुम सुलाओगे , खटिया गद्दा साथ नहीं क्या गोदी में सुलाओगे 




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