हे मुरली वाले सांवरिया तेरी मुरली बजे मेरी पायलिया
मैं ऐसी मछली बन जाऊंगी किसी ताल में जाके छिप जाऊंगी, मैं ऐसा मछुआरा बन जाऊंगा तुझे जाल डाल के ले आऊंगा
मैं ऐसी कोयल बन जाऊंगी किसी बागों में जाके छिप जाऊंगी , मैं ऐसा माली बन जाऊंगा मैं डाल डाल पे ढ़ूंढ़ लूंगा मैं
ऐसी नागिन बन जाऊंगी किसी बाम में जाके छिप जाऊंगी , मैं ऐसा सपेरा बन जाऊंगा तुझे बीन बजा के ले आऊंगा मैं
ऐसी राधा बन जाऊंगी सखियों के संग में छिप जाऊंगी, मैं ऐसा कान्हा बन जाऊंगा तुम्हें मुरली बजा के ले आऊंगा
No comments:
Post a Comment