तुम तो भोलेनाथ हो भंगिया पीकर भूल जाते हो
रोज रोज तुम जो भोले ऐसा करोगे भक्तों को दर्शन कैसे दोगे
रोज रोज तुम जो भोले ऐसा करोगे अंधे को आंखे तुम कैसे दोगे
रोज रोज तुम जो भोले ऐसा करोगे कन्या को घर वर कैसे दोगे
रोज रोज तुम जो भोले ऐसा करोगे बालक को विद्या कैसे दोगे
रोज रोज तुम जो भोले ऐसा करोगे निर्धन को माया कैसे दोगे
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