चल गौरा रानी मेला दिखाऊं हरिद्वार का ऐसा मेला कभी न देखा जैसा है इस बार का चल गौरा..
आगे आगे मैं चलूं तू पीछे पीछे आना पैदल पैदल मैं चलूं तू वैल पे चढ़ के आना तुझको मुझको कोई न देखे प्राणी इस संसार का चल गौरा...
गंगा जी में डुबकी लगा ले नाम हरी का ले के माथे चन्दन तिलक लगा ले नाम हरी का ले के तुझको मुझको कोई न देखे देखे इस संसार को चल गौरा..
पूड़ी खाले कचौड़ी खाले और खाले समोसा देशी घी का हलुआ खाले जिसका स्वाद अनोखा एक बडा सा टुकड़ा ले ले नींबू के अचार का चल गौरा....
पावन धाम हरिद्वार है लक्ष्मण झूला दिखाऊं चंडी माता मनसा देवी के दर्शन करवाऊं भर भर लोटा दूध का पीलो खूब मलाई डाल के चल गौरा....
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