मझधार में है नैया राहें अंजानी है, मेरे बाबा सुन लो मेरी ये नाव पुरानी है मझधार में है नैया............
मैं बीच भंवर में हूं मिलता न किनारा है, मेरी डूबती नैया का एक तू ही सहारा है, मुझे आस किसी से नहीं मुझे आस बढानी है मेरे बाबा सुन लो मेरी ये नाव पुरानी है मझधार में है नैया............
दुनिया ने बतलाया तुम मांझी हो अच्छे, जो सच्चा है उसके तुम साथी हो सच्चे, क्यों देर लगते हो क्या नाव डुबानी है मेरे बाबा सुन लो मेरी ये नाव पुरानी है मझधार में है नैया............
मुझ से जो चल पाती तुम को न बुलाते हम, विश्वाश करो मेरा खुद पार लगाते हम , बातों का वक्त नहीं करुणा दिखलानी है मेरे बाबा सुन लो मेरी ये नाव पुरानी है मझधार में है नैया............
दीनों के दीना नाथ सब तुम को कहते हैं , तेरे सेवक बेखौफ तेरे दम पर रहते हैं, हर दम हम भक्तों की नाव चलानी है मेरे बाबा सुन लो मेरी ये नाव पुरानी है मझधार में है नैया......
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