सावन ये भजन के बिना फीका रहेगा जल्दी देखें🌹जान न पाये निकल गये गोकुल से कन्हैया धीरे से🌿

 

 

जान ना पाए निकल गए गोकुल से कन्हैया धीरे से

पनिया भरन गई यमुना किनारे वहां आए कन्हैया धीरे से गगरी फोड़ी घूंघट उठा के 

मेरी भीगी चुनरिया धीरे से जान ना पाए निकल गए गोकुल से कन्हैया धीरे से

दहिया बेचन गई यमुना नगरिया वहां आए कन्हैया धीरे से दहिया खाए मटकी फोड़ी 

मेरी पकडी कलाइयां धीरे से जान ना पाए निकल गए गोकुल से कन्हैया धीरे से

रास रचावन गई वृंदावन में वहां आए कन्हैया धीरे से खुद भी नाचे और मुझ को नचाए 

मेरी पकड़ी कमरिया धीरे से जान ना पाए निकल गए.. गोकुल से कन्हैया धीरे से 

नहावन गई मैं तो जमुना किनारे वहां आए कन्हैया धीरे से चीर चुराए कदम पे बैठे वहां 

बंसी बजाए धीरे से जान ना पाए निकल गई गोकुल से कन्हैया धीरे से 




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