पार्वती का चंचल मनुवां ले गये भोले बाबा जी
पार्वती ने हंस के पूंछा तेरी जटा में क्या है जी, मेरी जटा में गंगा धारा खूब नहा लो गौरा जी
पार्वती ने हंस के पूंछा तेरे गले में क्या है जी , मेरे गले में सर्प की माला पूजा कर लो गौरा जी
पार्वती ने हंस के पूंछा तेरे हाथों में क्या है जी, मेरे हाथों में डम डम डमरू खूब बजा लो गौरा जी
पार्वती ने हंस के पूंछा तेरे चरणों में क्या है जी, मेरे चरणों में चारो धाम तीर्थ कर लो जी
पार्वती ने हंस के पूंछा तेरी गोदी में क्या है जी , मेरी गोदी में गणपति लाला खूब खिला लो गौरा जी
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